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नीतीश का चेहरा न होता तो प्रतिपक्ष के नेता सदन नहीं पहुंचते :प्रवक्ता  श्रीकांत*

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*नीतीश का चेहरा न होता तो प्रतिपक्ष के नेता सदन नहीं पहुंचते :प्रवक्ता  श्रीकांत*

 

संवादाता धीरज गुप्ता

 

गया जिला जनता दल यू के प्रखर वक्ता श्रीकांत प्रसाद ने नेता विरोधी दल पर तेजस्वी यादव से कहा बिहार की जनता अब आपकी बात नहीं सुनेगी महागठबंधन का जनादेश मिला था। वह विकास पुरुष जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर था। यह भ्रष्टाचार या लालू परिवार के विकास के लिए नहीं था। यदि नीतीश कुमार का चेहरा हटा देते तो राजद का परिणाम 2010 में आया था उससे भी नीचे आता। नीतीश सिर्फ विकास के बारे में सोचते हैं वह अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं। उनको कभी भी पद का लालच नहीं हुआ। कई दफा उन पदों को छोड़ा जिसे पाने के लिए लोग तरसते हैं। उन्होंने राजनीति सिर्फ सेवा के लिए की है। उनका चेहरा न होता तो दोनों भाई सदन में भी नहीं पहुंचते।

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