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नशामुक्ति दिवस एवं संविधान दिवस के अवसर पर निकाला गया प्रभात फेरी*

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*नशामुक्ति दिवस एवं संविधान दिवस के अवसर पर निकाला गया प्रभात फेरी*
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार
गया में आज नशामुक्ति दिवस एवं संविधान दिवस के अवसर 26 नवंबर को गया के टॉवर चौक से गांधी मैदान तक शहरी स्कूल के बच्चों के सहयोग से प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जिसे ज़िलाधिकरी, गया अभिषेक सिंह एवं उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी के संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है प्रभात-फेरी जी०बी० रोड – समाहरणालय होते हुए गांधी मैदान के स्टेडियम में समाप्त हुई इस प्रभात फेरी में सभी बच्चों द्वारा नशामुक्ति से संबंधित अनेक नारे लगाए गए और इस प्रभात फेरी में महावीर स्कूल, +2 ज़िला स्कूल, +2 हरिचंद्र उच्च विद्यालय, 27 बिहार बटालियन एन०सी०सी०, 6 बिहार बी०एन० एन०सी०सी० गया, रामरुचि बालिका इंटर स्कूल, अनुग्रह कन्या +2 उच्च विद्यालय के प्रधानायपक, शिक्षक, शिक्षिका एवं बाल/बालिकाओं उपस्थित हुए एव गांधी मैदान स्टेडियम में ज़िलाधिकारी ने सभी को संबोधित करते हुए *नशामुक्ति दिवस एवं संविधान दिवस* की शुभकामनाएं दी। ज़िलाधिकारी ने कहा कि वर्ष 2015 से पूर्व बिहार में जब शराबबंदी नही था तब न जाने कितने परिवार इससे प्रभावित हुए थे उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बिहार द्वारा शराबबंदी अभियान पूरे बिहार में लागू किया गया और ये बहुत की सफल साबित हुआ है आज पूर्ण रूप से अपने राज्य बिहार में शराबबंदी हो चुका है। इस अभियान से अब तक न जाने कितने परिवार के बीच खुशहाली आ चुकी है ज़िलाधिकारी ने कहा कि आनेवाले समय में हमारा बिहार अन्य राज्य एवं देशों को रास्ता दिखायेगा एवं बिहार एक ऐसा प्रदेश है जिसने शराबबंदी को आयाम पर ले लिया है ज़िलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा नशामुक्ति अभियान को अगले स्तर पर ले जाया गया है, जिसमें गुटका, सिगरेट एवं अन्य नशीली पदार्थों को शामिल किया गया है, जो हमारे नौजवानों को बर्बाद कर रहा है ज़िलाधिकारी ने बताया कि यह प्रभात फेरी तभी सफल होगा जब हम सब मिलकर इस नशाबंदी को दूर तक ले जा सके एवं ज़िलाधिकारी ने संविधान दिवस के संबंध में कहा कि संविधान में जितने भी अधिकार हमे दिए गए हैं उनसे कभी समझौता नही करेंगे एवं संविधान सिर्फ शब्द नहीं बल्कि पूरे देश की नींव है।उन्होंने सभी को संविधान की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है अंत मे ज़िलाधिकारी ने सबो को इस प्रभात फेरी में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया है इसके उपरांत समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में संविधान के प्रस्तावना को दुहराया गया *हम, भारत के लोग, भारत को एक (संपूर्ण, प्रभुत्त्व, सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य) बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब मे व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा मे आज 26 नवंबर को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियम और आत्मसमर्पित करते हैं*।

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