*‘थैंक यू आँगनबाड़ी दीदी’ मुहिम का बनें हिस्सा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहें धन्यवाद*
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार
गया में ‘‘मेरी आँखों के सामने मुन्नी ने जन्म लिया था। जन्म के बाद मैंने कई बार फिर मुन्नी का वजन भी कराया है मुन्नी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुन्नी को 6 माह तक नियमित स्तनपान एवं उसके बाद पौष्टिक पूरक आहार देना भी बताया था मुझे याद है मुन्नी के 6 माह होने के बाद उसका पहला अन्नप्राशन भी मैंने ही कराया था मुन्नी की माँ की गोद्भराई पर ढोलक की थाप और दादी के सोहर अब भी मुझे याद है मैंने इस गाँव को अपना 34 साल दिया है अब कितना बदल चुका है यह गांव। कल मेरे यहाँ से जाने के बाद क्या गाँव वाले मुझे याद रख पाएंगे एवं यदि कोई मुझसे पूछे इन 34 सालों में मैंने क्या हासिल किया, तब मैं क्या जवाब दूंगी‘’ यह किसी पटकथा का संवाद नहीं है ,बल्कि उन तमाम आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की आवाज है जो पिछले 40 सालों से आपके परिवार के पोषण का ख्याल रख रही हैं कहीं आप निकल रहे हों और आपको आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिख जाए तब रुक कर उन्हें ‘थैंक यू आंगनबाड़ी दीदी’ कहना मत भूलिए। मन्त्रेश्वर झा कंसल्टेंट तकनीकी सलाहकार पोषण अभियान ने बताया आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने की नयी पहल की गयी है इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय पोषण माह के मौके पर ‘थैंक यू आँगनबाड़ी दीदी’ का विडियो लॉंच कर आम जनों को इस मुहिम से जुड़ने की अपील की है यह एक सराहनीय कदम है आँगनबाड़ी कार्यकर्ता इससे उत्साहित होंगी एवं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएंगी।
*आँगनबाड़ी कायकर्ताओं की स्थिति* देश में लगभग 13 लाख आँगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं बिहार में कुल 91677 आँगनबाड़ी सेविका एवं 91677 आँगनबाड़ी सहायिका है पूरे राज्य में कुल 544 बाल विकास परियोजना का संचालन किया जा रहा है।
*आँगनबाड़ी की संरचना* वर्ष 1975 में केंद्र सरकार द्वारा देश भर में समेकित बाल विकास योजना की शुरुआत की गयी, जिसके तहत ही आँगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया गया है आंगनवाड़ी छोटे बच्चों की पोषण,स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए समेकित बाल विकास सेवाएँ के कार्यक्रम के रूप में ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा समर्थित एक केंद्र है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की पोषण की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है *आँगनबाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाएं*
* छह वर्ष से कम आयु के बच्चों का टीकाकरण।
*समस्त गर्भवती स्त्रियों के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण ।
*छह माह से छह वर्ष से तक के बच्चों को अनुपूरक पोषण।
*गर्भवती और धात्री माताओं का अनूपूरक पोषण।
*15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा।
*गोदभराई एवं शिशु अन्नप्राशन के जरिए गर्भवती एवं धात्री माताओं में पोषण व्यवहार को बढ़ावा देना
*आँगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती, धात्री एवं 2 वर्ष तक के शिशुओं को गृह भ्रमण कर बेहतर पोषण पर सलाह।
*कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को अस्पतालों, समुदाय स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा जिला अस्पतालों पोषण पुनर्वास केंद्र/नवजात शिशु गहन देखरेख यूनिट को भेजना है 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को विद्यालय पूर्व शिक्षा प्रदान करना है।