*जिला स्तरीय किशोर/किशोरियों का हुआ सम्मेलन*
*जिलाधिकारी ने ग्रुप में सक्रिय रहने को कहा*
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार
गया में संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता के तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर जिला स्तरीय किशोर/किशोरियों का सम्मेलन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन पर जिला परिषद के सभागार में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई आज इस उल्लेखनीय है कि बिहार में बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन जागरूकता अभियान वर्ष 2017 से चलाया जा रहा है इसके तहत महिला विकास निगम द्वारा प्रत्येक पंचायत में विकास मित्र के माध्यम से चार- चार ग्रुप छात्र एवं छात्राओं का बनाया गया जिनमें 3 ग्रुप छात्रों का एवं एक ग्रुप छात्रों का है जिनमें से चयनित ग्रुप के सदस्यों को शामिल कर सम्मेलन का आयोजन किया गया है इस ग्रुप में शामिल छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी के समक्ष कई सवाल एवं मांग रखी है
उपस्थित छात्रा मीना कुमारी ने दहेज प्रथा कम करने की मांग की है पंकज कुमार ने बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है सबा परवीन ने समाज में परिवर्तन लाने की मांग की है कुमकुम कुमारी ने कहा कि उसकी उम्र 16 साल है और उसके माता-पिता उनकी शादी करना चाहते हैं रामकुमार ने नजदीक में उच्च विद्यालय की मांग की।जिलाधिकारी ने सभी सवालों एवं मांगों का जवाब देते हुए कहा कि हमारे समाज में चल रही इन परंपराओं में परिवर्तन लाने के लिए महिलाओं को खुद आगे आना होगा और पुरुष पर महिला की निर्भरता दहेज का एक प्रमुख कारण है लड़की के मां-बाप धन और जमीन देखकर लड़की की शादी करते हैं ताकि लड़की को कोई कष्ट ना हो एवं जबकि शादी लड़के लड़की की योग्यता देखकर की जानी चाहिए। इस सोच में बदलाव की जरूरत है लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा और पुरुष पर निर्भरता से बाहर आना होगा और उन्होंने कहा कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है इसलिए पुरुषों के हित पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है लेकिन कई राज्यों में जहां की महिलाएं जागरूक है वहां ऐसी बात नहीं है।उन्होंने केरल और पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया है उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर पूर्णतया रोक के लिए लड़कियों को स्वयं आगे आना होगा क्योंकि जब तक वे स्वयं प्रतिरोध नहीं करेंगी तब तक समाज के अन्य लोगों को पता नहीं चलेगा और उन्होंने कहा कि जब टिकारी की एक लड़की ने उन्हें गोपनीय पत्र भेजा था कि जबरन उसकी शादी कराई जा रही है तो उन्होंने स्वयं वहां जाकर शादी रुकवायी थी उन्होंने कहा कि बाल विवाह से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता है क्योंकि हर एक बच्चा में भविष्य में कुछ बनने की योग्यता होती है,यदि वह ठान ले तो। लेकिन जब वह बाल विवाह का शिकार बन जाता है तो कुछ नहीं कर पाता है इसके लिए बच्चों को स्वयं जागरूक होना होगा और समाज में जागरूकता अभियान लगभग 200 वर्षों से चल रहा है राजा राममोहन राय ने इसकी शुरुआत की थी एवं उन्होंने कहा कि समाज में लड़कियों को घर का काम करने वाली महिला मान लिया जाता है साथ ही उन्हें बोझ समझा जाता है इसलिए माता पिता उनकी शादी कम उम्र में ही करने को तैयार हो जाते हैं उन्होंने कहा कि यदि आपकी शादी जबरन की जाती है तो इसकी सूचना अपने मुखिया, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीडीपीओ,थाना को गोपनीय पत्र के माध्यम से दे सकते हैं जबरन बाल विवाह करने वाले मां बाप के साथ शादी कराने वाले सभी लोग जेल की हवा खाएंगे।उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2020 से सभी पंचायतों में उच्च विद्यालय खुल जाएगा एवं इसके बाद गांव से बाहर शिक्षा के लिए जाने की जरूरत नहीं होगी और उन्होंने कहा कि यदि बच्चा चाहे तो वह सरकारी स्कूल में पढ़ कर भी कामयाब हो सकता है एवं उन्होंने स्वयं अपना उदाहरण बता कर कहा कि वे शुरू से ही सरकारी विद्यालय के छात्र रहे हैं और आज इस पद पर पहुंचे हैं, जबकि पहले सरकार द्वारा छात्रों को आज जितनी सुविधा नहीं दी जाती थी आज कन्या के जन्म से मृत्यु तक सरकार सहायता कर रही है उन्हें निःशुल्क भोजन, साइकिल, पोशाक उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि निजी स्कूल की तुलना में सरकारी स्कूल में बेहतर शिक्षा मिलती है यह वही देश है जहां चाय बेचने वाला भी प्रधानमंत्री और अखबार बेचने वाला भी राष्ट्रपति बनता है उन्होंने छात्राओं को अपने ग्रुप में सक्रिय रहने का सुझाव दिया और कहा कि यदि एक ग्रुप कुछ ठान लेता है तो उसके किसी सदस्य पर कोई अन्याय नहीं कर सकता है
इस कार्यशाला में उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता,सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा राजन कुमार, डीपीएम महिला विकास निगम गया, प्रवाह ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली के सदस्य अंजली आनंद,फराह ज़हरा,श्रुति कुमारी,मोहम्मद आतिफ खान डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एक्शन ऐड एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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