केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल 159 वी वाहनी द्वारा मनाया गया विश्व एडस दिवस।
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार
गया के केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल 159 वी वाहिनी के जवानों के द्वारा जेल परिसर स्थित मुख्यालय एवं बटालियन की अन्य समवायों के।इस परिसर में विश्व एडस् दिवस मनाया गया है इस अवसर पर डॉ० निशीत कुमार,कमाण्डेन्ट के द्वारा, मोतीलाल (उप कमा.). एवं अनुग्रह नारायण मगघ मेडिकल कॉलेज के अधिन कार्यरत अहाना प्रोजेक्ट के पीयुष मिश्रा, (प्रोजेक्ट अधिकारी) व दिनेश कुमार (फिल्ड अधिकारी) की उपस्थिति में जवानों को एडस् दिवस के बारे में जानकारी दी गयी है।विश्व एडस् दिवस के अवसर पर पीयुष मिश्रा, (प्रोजेक्ट अधिकारी) व दिनेश कुमार, (फिल्ड अधिकारी) ने बताया कि वर्ष 1988 के बाद से हर साल 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के रूप में पूरी दुनिया में को लोंगों को एड्स जैसी घातक बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिये मनाया जाता है एड्स एचआईवी वायरस के संकमण के कारण होनेवाला महामारी रोग है एक अनुमान के मुताबिक 1981- 2007 के दौरान करीब 25 लाख लोगों की मृत्यु एचआईवी संकमण की वजह से हुई थी विश्व एड्स दिवस समारोह अंतरराष्ट्रिय स्तर पर सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य दिन समारोह बन गया है जो कि स्वास्थ्य संगठनों के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढाने, ईलाज के लिये संभव पहुँच के साथ-साथ रोकथाम के उपायों पर चर्चा करने के लिये महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है इस दिन का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी से ग्रासित लोगों को इसके ईलाज और रोकथाम के विषय में प्रेरित करना है इस बीमारी से बचाव के उपाय,ईलाज एवं दवाईयों की उपलब्धता के बारें में सजग जानकारी हर एक के बीच पहुँचने पर ही इस दिवस का असली अर्थ सार्थक होगा एवं साथ ही इस बीमारी से ग्रासित व्यक्तियों को भी समाज में उचित सम्मान दिलाने की आवश्यकता है ताकि वह भी सामान्य व्यक्तियों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इसी कम में जवानों को जानकारी दी गयी कि एचआईवी संकमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्पर्क, संकमित सिरिंजों व सुईयों के पुनः उपयोग, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढानें से एवं एचआईवी संकमित माता से उसके होने वाले शिशु को यह बीमारी होने की संभावना होती है इससे बचाव हेतु सुरक्षात्मक यौन संबंध, लाइसेन्स प्राप्त ब्लड बैंक से जांच किये गये खुन का इस्तेमाल।हर बार नई सुई और सिरिंज का इस्तेमाल एवं गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच और इससे उपयुक्त ईलाज के बारे में विस्तृत जानककारी दी गयी।
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