पिता के श्राद्ध कर्म के लिए जालंधर में फंसे तीन मजदूर आए घर
बेतिया: बैरिया प्रखंड के तिलंगही निवासी स्वर्गीय जाहिर साह का देहांत 17 अप्रैल को हो गया था।
उनके दोनों बड़े बेटे पप्पू कुमार और गुड्डू कुमार जालंधर में लॉक डाउन के कारण फंसे हुए थे। बड़ी कोशिशों के बावजूद भी पप्पू कुमार और गुड्डू कुमार अपने पिता के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके। जब मनीष कश्यप को इनके बारे में पता चला तब उन्होंने इनकी मदद की और बिहार तथा पंजाब सरकार से इनको घर लाने के लिए मदद मांगी। बिहार सरकार ने तो मदद नहीं किया लेकिन पंजाब सरकार ने पप्पू कुमार और गुड्डू कुमार को उनके पिता जी के श्राद्ध में शामिल होने के लिए पास दे दिया। बड़ी मुश्किल से ये लोग घर आ रहे थे तभी गाजियाबाद बॉर्डर पर कुछ पुलिस वालों ने इनको रोककर पैसे मांगने लगे। इनके पास पैसे नहीं थे और जब इन्होंने पंजाब सरकार का पास दिखाया और पैसे देने से इनकार किया तो गाड़ी सीज करने की धमकी देने लगे। गाड़ी का ड्राइवर डर के मारे फिर वापस वहां से जालंधर चला गया। दूसरे दिन फिर मनीष कश्यप गाजियाबाद के बॉर्डर पर तैनात एसएचओ से बात की और ड्राइवर से बात करने के बाद वापस दोबारा चलने को कहा। बहुत समस्याओं का सामना करते हुए यह लोग आज अपने घर पर पहुंच गए। मनीष कश्यप ने बताया कि जब बेवजह विधायक और पार्षद की बेटी घर आ सकती है तो क्या कोई गरीब अपने पिता के श्राद्ध में शामिल होने घर क्यों नहीं आ सकता। बिहार के किसी भी गरीब व्यक्ति के घर पर अगर कोई विपत्ति पड़े या मेडिकल इमरजेंसी हो तो उसके लिए बिहार सरकार इमरजेंसी पास और गाड़ी की व्यवस्था करें।