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पितृपक्ष तीर्थयात्रियों ने मेला व्यवस्था की भूरि भूरि प्रसंशा की।*

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*पितृपक्ष तीर्थयात्रियों ने मेला व्यवस्था की भूरि भूरि प्रसंशा की।*

धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार

गया के गया कॉलेज के एनएसएस के छात्र-छात्राओं ने पितृपक्ष मेला में जहां एक तरफ तीर्थयात्रियों की बढ़ चढ़कर सहायता की वहीं दूसरी ओर लगभग 2000 तीर्थयात्रियों से पितृपक्ष मेला के विभिन्न पहलुओं एवं व्यवस्थाओं के संबंध में फीडबैक भी लिया है एनएसएस के सदस्यों ने अनेक वृद्ध तीर्थयात्रियों को सहारा देकर उन्हें फल्गु नदी में लाने ले जाने तथा सीढ़ी चढ़ने एवं उतरने में निरंतर मदद कर रहे हैं उनकी सेवाओं की चारोओर भूरि भूरि प्रशंसा हो रही है एनएसएस के सदस्यों द्वारा लिए गए फीडबैक के अनुसार गयाजी आनेवाले तीर्थयात्रियों में से 9% तीर्थयात्री पोस्टग्रेजुएट, 18.6% ग्रेजुएट, 20% इंटरमीडिएट, 20.2% मेट्रिक पास, 20.5% नन मैट्रिक एवं 11.7% अशिक्षित हैं इनमें पुरूष और महिला का अनुपात 87.7% एवं 12.3% का है फीडबैक के अनुसार 73% लोगों ने गया जी की धार्मिक महत्ता के कारण पिंडदान के लिए चुना है जबकि 15.8% लोगों ने बताया कि उनके परिजन द्वारा पूर्व में गयाजी में ही पिंडदान किया गया है इसलिए उन्होंने गया जी को चुना, 7% लोगों ने बताया कि गयाजी नजदीक होने के कारण उन्होंने गया जी को चुना है जबकि शेष लोगों ने गयाजी में जानकार पंडा का होना बताया है 82.3% यात्रियों ने बताया कि वह गयाजी से पहले और कहीं पिंडदान नहीं किए हैं जबकि 17.7% लोगों ने बताया कि वह गया जी से पहले दूसरे स्थान पर भी पिंडदान किए हैं यह पूछने पर कि गयाजी में पिंडदान करने की प्रेरणा या जानकारी कहां से मिली है तो 59.4% लोगों ने बताया कि परिजनों से,15.6% लोगों ने बताया मित्रों से, 2.5% लोगों ने बताया कि रेडियो एवं मीडिया के द्वारा, 33.5% लोगों ने बताया अपने पुरोहित के द्वारा, वहीं 2.8% लोगों ने पिंडदान वेबसाइट एवं मोबाइल एप्प के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने की बात कही है

यह पूछने पर कि गया जी आने के पूर्व आपको किस बात की अधिक चिंता थी तो जवाब में 51.8% लोगों ने कानून व्यवस्था की,14% लोगों ने आवासन एवं भाषा की समस्या,10% लोगों ने भीड़ भाड़ एवं वाहन की समस्या, 9.8% लोगों ने पंडा जी के चयन की समस्या की बात बताई है उन्होंने यह भी कहा कि गयाजी में आकर सारी भ्रांतियाँ दूर हो गयी अब वे अपने सगे संबंधियों को गयाजी जाने को कहेंगे।तीर्थ यात्रियों से यह पूछे जाने पर कि यहां आने से पहले ही क्या आपने ठहरने, खाने, धार्मिक अनुष्ठान के लिए पूरा प्रबंध कर लिया था तो 36% लोगों ने हाँ में जबकि 64% लोगों ने ना में जवाब दिया।आवासन की व्यवस्था के संबंध में 46.1% लोगों ने बताया कि पंडा जी के द्वारा व्यवस्था की गयी, 35.3% लोगों ने बताया कि उन्होंने स्वयं व्यवस्था की, 14.4% लोगों ने अपने मित्र एवं निकट संबंधी के द्वारा व्यवस्था करने की जानकारी दी,शेष में कुछ ने ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से तथा कुछ ने आश्रम में ठहरना बताया हैआगमन के साधन के संबंध में 69.7% तीर्थयात्रियों ने रेलगाड़ी के द्वारा, 20.7% तीर्थयात्रियों ने बस के द्वारा, 8.7% तीर्थयात्रियों ने अपने निजी वाहन से, 0.9% तीर्थयात्रियों ने वायु मार्ग के द्वारा गाया जी पहुंचने की जानकारी दी।यह पूछने पर कि क्या गया जी आने के बाद अपने आसपास के अन्य पर्यटन स्थलों/ तीर्थ स्थानों का भ्रमण करेंगे तो जवाब में 52% लोगों ने नहीं जबकि 48% लोगों ने हाँ में जवाब दिया और इनमें से 91.9% लोगों ने बोधगया, 36.6% लोगों ने राजगीर, 9.4% लोगों ने तपोवन /गेहलौर, 0.5% लोगों ने सभी स्थलों का भ्रमण करने, 0.2% लोगों ने बाबाधाम एवं 0.1% लोगों ने मंगलागौरी भ्रमण करने की बात कही है पिंडदान के लिए 16% तीर्थयात्री गयाजी में 1 दिन, 54.5% तीर्थयात्री 3 दिन, 21.5% तीर्थयात्री 7 दिन, 8% तीर्थयात्रिओं ने 17 दिन ठरहने की बात बताई है पिंडदान के दौरान 19.8% तीर्थयात्री 5 हजार रुपये, 34.4% तीर्थयात्री 5 हजार से 10 हजार रुपये, 28.4% तीर्थयात्री 10 से 20 हजार रुपये, 13.7% तीर्थयात्री 20 से 50 हजार रुपये, 3.5% तीर्थयात्री 50 हजार से 1 लाख रुपये एवं 0.2% तीर्थयात्री 1 लाख रुपये से अधिक व्यय करेंगे और

फीडबैक के अनुसार 59.9% तीर्थयात्री देवघाट पर, 32.5% तीर्थयात्री अक्षयवट में, 21.6% तीर्थयात्री प्रेतशिला में एवं 30.6% तीर्थयात्रियों ने इन सभी स्थलों पर पिंडदान करने की जानकारी दी है प्रशासन द्वारा चलाई गई सेवाओं का उपयोग के संबंध में पूछने पर सहायता केंद्र का उपयोग 79% लोगों ने, वेबसाइट का उपयोग 15.7%, मोबाइल एप का उपयोग 27%, नियंत्रण कक्ष का उपयोग 48%, पोस्टर बैनर का उपयोग 80%, वाहन किराया चार्ट का उपयोग 48%, प्रीपेड ऑटो रिक्शा का प्रयोग 25%, रूट मैप का 30%, स्वास्थ्य शिविर का 60%, आवासन केंद्र का 60%, वाटर एटीएम का 63%, ई-रिक्शा का 65%, पुलिस शिविर का 62%, पब्लिक टॉयलेट का 50% और मे आई हेल्प यू डेक्स का 48% तीर्थयात्रियों ने उपयोग किया है

मेला अवधि के दौरान खाद्य एवं अन्य सामग्रियों की उपलब्धता के संबंध में पूछने पर अधिकतर लोगों ने अच्छा एवं बहुत अच्छा में जवाब दिये है

सफाई कर्मी,प्रशासनिक कर्मी, पुलिसकर्मी,नागरिक,दुकानदार,पंडा समाज एवं यातायात कर्मी/ चालक के व्यवहार के संबंध में पूछने पर अधिकतर लोगों ने स्नेह पूर्ण व्यवहार मिलन का जवाब दिया है सरकारी सेवाओं की स्थिति के संबंध में पूछने पर अधिकतर तीर्थयात्रियों ने बहुत अच्छी व्यवस्था होने की जानकारी दी।

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