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वाटर मैन के नेतृत्व में जल पदयात्रा हुआ संपन्न*

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*वाटर मैन के नेतृत्व में जल पदयात्रा हुआ संपन्न*

धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार

गया जिला प्रशासन,गया द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सीता कुंड से भुसुंडा मोड़, मुफस्सिल मोड़, मेहता पेट्रोल पंप होते हुए रसलपुर ग्राम तक वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉक्टर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में जल पदयात्रा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम शुभारंभ स्थल सीता कुंड में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि गया को जल संकट से उबारने एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान को आगे बढ़ाने के लिए जल पुरुष प्रो0 राजेंद्र सिंह से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता और इसलिए उन्होंने गया जिला प्रशासन और बिहार सरकार की ओर से ज्ञान एवं मोक्ष की भूमि गया की धरती पर उनका हार्दिक अभिनंदन किया गया है उन्होंने कहा कि गया प्रत्येक वर्ष जल संकट से गुजर रहा है यह मार्च से जून तक जल संकट से प्रभावित रहता है और इसमें कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है जिनमें फसल उत्पादन में कमी,गांवों एवं शहरों में पानी की कमी एवं सुखाड़ का सामना करना पड़ता है जबकि हमारे पास नदी,तालाब,आहर,पाइन सब हैं इसके बावजूद हमें कुछ और आगे प्रयास करने की जरूरत है इसी उद्देश्य से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 18 एवं 19 अक्टूबर को प्रोफेसर राजेंद्र सिंह के कार्यक्रम को रखा गया है ताकि जो हमारे जल स्रोत हैं उनमें कैसे जल संचय किया जा सके एवं कैसे उनका जीर्णोद्धार किया जा सके एवं जो धरातलीय जल है उसका हम दैनिक जीवन में कैसे उपयोग कर सकते हैं और समय के साथ हम भूगर्भ जल पर ज्यादा से ज्यादा निर्भर होते जा रहे हैं लेकिन भूगर्भ जल की अपनी क्षमता है उसकी एक सीमा है,गांव में बिजली पहुंच गई है जिससे भूगर्भ जल का प्रयोग कर खेती तो हो रही है लेकिन भूगर्भ जल में कमी भी हो रही है, जिसके दीर्घकालीन परिणाम हमें भुगतना पड़ रहा है और आगे भी भुगतना पड़ेगा एवं इन्हीं सबके लिए प्रोफेसर राजेंद्र सिंह का गया में 2 दिनों का कार्यक्रम रखा गया है उन्होंने कहा कि जल पदयात्रा सीता कुंड से प्रारंभ होकर रसलपुर के तलाब के पास संपन्न होगा और इस तालाब को डॉ राजेंद्र सिंह द्वारा गोद लिया जाएगा और अगले कुछ दिनों में इसे जीर्णोद्धार किया जाएगा एवं उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए आम लोगों का सहयोग अनिवार्य हैआज वाटर मैन राजेंद्र सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि आज हम सीता कुंड पर गया को पानीदार बनाने की चिंता में जुटे हैं भारत में नदियों की तलहटी की मिट्टी ऊपर आ रही है और कहीं से यह मिट्टी ऊपर से कट कर आ रही है बाढ़ और सुखाड़ का यही कारण है जहां से मिट्टी कट आती है वहां हरियाली नहीं रहती है वहां सुखाड़ आ जाता है और जहां नदी में मिट्टी जमने लगती है जिससे नदी में पानी नहीं बहती है जो पानी नदी में बहने चाहिए वह पानी गांव की ओर मुड़ जाती है, और बाढ़ आ जाती है और उन्होंने कहा कि *वर्ष 2019 में 17 राज्य के 365 जिले ऐसे हैं जो पानी का संकट झेल रहे हैं और 190 जिले ऐसे हैं जो बाढ़ का संकट झेल रहे हैं।* आजादी के बाद बाढ़ और सुखाड़ का एक साथ आना यह हमारे लिए संकट का संकेत है इस संकट के समय हम देखने की कोशिश करें कि यह संकट क्यों आ रहा है उसके मूल में धरती के पेट से पानी निकालना ह हम सिर्फ धरती के पेट से पानी निकाल रहे हैं जहां मिला वही बोरवेल लगाकर पानी निकालते हैं एक जमाना था जब किसान बुवाई के लिए बारिश की राह देखता था, वे वर्षा के आने के समय की गणना के आधार पर फसलों का चयन कर बुवाई करते थे लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अब किसान वर्षा की गणना करना भूल गये हैं और उन्होंने कहा कि भारत में किसानी, जवानी और पानी तीनों भारी संकट में आ गया है गांव का जवान लड़का अब गांव में नहीं रहना चाहता क्योंकि गांव में रोजगार और अन्य सुविधाओं का अभाव है उन्होंने कहा कि अगर देश को पानीदार बनाना है तो भगवान के दिए हुए पानी की बूंदों को वहीं रोकना होगा एवं उसे वहीं किसी ताल में, किसी आहार में, पाइन में, तालाब में रोकना पड़ेगा फिर वह धरती के पेट में पानी जाएगा तो उस पानी को धरती के पेट से सूरज नहीं सुखा सकेगा फिर कोई हीटवेव नहीं आएगा, कहीं पानी संकट नहीं आएगा और

उन्होंने कहा कि गया की धरती का तापमान को ठीक करने के लिए उस पर पानी की पट्टी रखना होगा और पानी की पट्टी यही तलाब,आहर, पोखर हैं और इसके बाद उन्होंने सभी लोगों को इस अभियान के सफल बनाने के लिए मौन संकल्प दिलाया गया है इस अवसर पर उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी, नगर आयुक्त नगर निगम  सावन कुमार, सहायक समाहर्ता  के एम अशोक, वाटरमैन के सहयोगी *पंकज मालवीय, जगदीश चौधरी*, उप निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, गया जिला के जनप्रतिनिधि, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि, वार्ड पार्षद, एन वाई के स्टूडेंट, एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे इसके उपरांत सीताकुंड से वाटर मैन एवं जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के नेतृत्व में जल पदयात्रा निकाली गई है भूसूंडा मोड़, मुफस्सिल मोड़, प्रखंड कार्यालय मानपुर के समीप ग्रामीणों ने चंदन का टीका लगाकर माला पहनाकर एवं शरबत पिलाकर पदयात्रा में शामिल सभी लोगों का जोरदार अभिनंदन किया गया है रसलपुर में आयोजित समापन समारोह में जिलाधिकारी ने लोगों को संबोधित करते हुए गया कि वर्तमान जल संकट के संबंध में लोगों को बताया एवं उससे उबरने के लिए सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना लायी गयी है इसी के तहत भारत के प्रसिद्ध जल पुरुष के नेतृत्व में आज कार्यक्रम का आयोजन किया गया है औरउन्होंने लोगो से डॉ राजेन्द्र सिंह द्वारा गोद लिए जानेवाले तालाब का जीर्णोद्धार करने हेतु तन मन से सहयोग करने का आह्वान किया है डॉ राजेंद्र सिंह ने वहां के लोगों को पानी की समस्या से उबरने के लिए भूगर्भ जल को चार्ज करने हेतु ताल,तिलैया,आहार का जीर्णोद्धार करने एवं पानी में गंदगी न मिलाने के लिए आह्वान किया है उन्होंने वर्षा के जल को रोकने का हर संभव उपाय करने को कहा है रसलपुर के ग्रामीणों ने जल पदयात्रा में शामिल सभी अतिथियों को अंग वस्त्र ओढ़ाकर एवं गीता की पुस्तक प्रदान कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर डॉ राजेंद्र सिंह एवं ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर वृक्षारोपण किए गए तथा रसलपुर तालाब को वाटर मैन ने गोद लिया।

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