राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने पुलिस लाइन गोद लिए हुए स्लम एरिया में कपड़े का किया वितरण।*
*राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने पुलिस लाइन गोद लिए हुए स्लम एरिया में कपड़े का किया वितरण।*
गया:-आज दिनाक 8 दिसंबर 2019 रविवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने गोद लिये हुये गेवाल बिगहा पुलिस लाइन स्लम एरिया में कपड़े का किया वितरण। स्लम एरिया के लोग कह रहे थे कि ये जूते मेरे फिट आ जाएंगे,ये शर्ट अच्छा है मुझे चाहिए, चारों तरफ भीड़ लगाए स्लम के बच्चे और बड़े सब कुछ न कुछ पाने की होड़ लगी हुई थी। ज्यादातर लोग अपने पुराने या छोटे कपड़ों को घर की साफ सफाई के लिए इस्तेमाल करते हैं या फिर इन कपड़ों को फेक देते हैं या जला देते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा कि जो कपड़े आपकी जरूरत के नहीं रहे वो दूसरों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। कई बार आप चाहते भी हैं कि उन पुराने या छोटे कपड़ों का सही इस्तेमाल हो लेकिन आप ये जानते कि इन कपड़ों को किसे दिया जाये ताकि जिनको इनकी सबसे ज्यादा जरूरत हैं उन तक ये पहुंच सके। आपकी इस मुश्किल को आसान किया है ‘गया कॉलेज गया राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों’ ने। जो ना सिर्फ जरूरतमंदों तक आपके दिये कपड़े पहुंचाता है बल्कि जो लोग उन कपड़ों को पहनते हैं उनकी तस्वीर सोशल मीडिया के जरिये आप तक पहुंचाता है। ग्रुप लीडर विशाल राज ने अपने अलावा दोस्तों और रिश्तेदारों के कपड़ों से इसकी शुरूआत की। धीरे धीरे ये कारवां बढ़ता गया। जिसके बाद इन दो सालों में ये अब तक बहुत सारे कपड़े लोगों के बीच बांट चुके हैं।
गया कॉलेज गया एनएसएस के स्वयंसेवक अपने मित्रों और परिचितों के घरों से यह कपड़े इकट्ठे करते हैं। खुद ही इन्हें धोते हैं, प्रेस करते हैं और उसके बाद इन्हें जरूरतमंदों को बांटते हैं। यह सिलसिला पिछले साल से जारी है। इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे एनएसएस ग्रुप लीडर विशाल राज कहते हैं कि किसी भी समाज में इंसान की तीन आधारभूत जरूरतें होती हैं- रोटी, कपड़ा और मकान। हम सभी ने सोचा की मकान को तो हम लोगों तक नहीं पहुंचा सकते इसलिए हम स्वयंसेवकों ने रोटी और कपड़े को आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है। साथ ही साथ अपने काम करने के तरीके में विशाल बताते हैं कि “कोई भी व्यक्ति फेसबुक और व्हाट्सएप्प में मैसेज डाल ये बता सकता है कि उसे अपने कपड़े दान देने हैं इसके लिए उसे बताना होता है कि वो कहां पर रहता है। जिसके बाद हम और हमारे वालंटियर उस व्यक्ति से संपर्क कर उसे बताते हैं कि वो अपने पुराने कपड़े कहां पर दे सकता है।” हम लोग जिस व्यक्ति को कपड़े देते हैं उसे कपड़े पहनाकर उसका फोटो खींच लेते हैं और उसकी फोटो को सोशल मीडिया पर डाल देते है। साथ ही उस व्यक्ति का नाम भी टैग कर देते हैं। एनएसएस के जरिये बंटने वाले कपड़े ज्यादातर मजदूर, कूड़ा-कचरा चुनने वाले लोग, फुटपाथ पर रहने वाले और ऐसे ही दूसरे जरूरतमंद लोगों को दिये जाते हैं। स्वयंसेवक फिलहाल सबसे ज्यादा गोद लिए हुये पुलिस लाइन स्लम एरिया में सक्रिय है।इस प्रकार का अभियान समय-समय पर चलाया जाता रहा है। ठण्ड की ठिठुरन से फुटपाथ पर गुजर बसर करनेवाले गरीब लोगों को बचाने के लिए उनके बीच कम्बल और ऊनी कपड़ो का वितरण भी कुछ माह पहले किया गया। इस प्रकार का अभियान निरंतर चलता रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा।
इस मौके पर ग्रुप लीडर विशाल राज,वरिष्ठ स्वयंसेवक अनुराग कुमार,सत्यम लोहानी,रुद्र शरण,शुभम कुमार,नैंसी सिन्हा,कुसुम कुमारी,वैभव कुमार,सावन अभिषेक,उज्जवल सेठ,अंकित शर्मा ने खुद से कपड़े धोकर उन्हें बाटने में अपना अहम योगदान दिया।
विशाल राज
एनएसएस ग्रुप लीडर
गया कॉलेज गया