*जल पुरुष ने दिए जल समस्या से उबरने के टिप्स*
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट गया बिहार
गया संग्रहालय के सभागार में आयोजित जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम पानी पंचायत में उपस्थित जिले के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने वाटरमैन ऑफ इंडिया डॉक्टर राजेंद्र सिंह का परिचय कराया गया है उन्होंने गया की समस्याओं को अवगत कराते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत जल समस्या से उबरने हेतु मार्ग निर्देशन प्राप्त करने के उद्देश्य से पानी पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें जल पुरुष हमें जल समस्या से उबरने हेतु मार्गदर्शन देंगे और उन्होंने गया जिले की ओर से उनका स्वागत किया उनके साथ जगदीश चौधरी, पंकज मालवीय एवं सीमा सिंह का भी उन्होंने हार्दिक स्वागत किया गया है उन्होंने कहा कि गया विगत वर्षों से जल समस्या से प्रभावित हुआ है और इसके लिए जल- जीवन- हरियाली योजना के तहत कार्य भी किए जा रहे हैं जल पुरुष राजस्थान से आए हैं इन्होंने उन्हें लंबी अवधि तक काम किया है राजस्थान के हजारों गांव को जल संकट से उबारा है,यद्यपि गया में राजस्थान जैसी स्थिति नहीं है हमारे पास नदियां हैं,आहर हैं, पोखर हैं, तालाब हैं,कुएँ हैं जरूरत है इनके जीर्णोद्धार का है उन्होंने कहा कि प्राचीन समय हम अपने परंपरागत ज्ञान से अपनी समस्याओं का समाधान करते थे उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने आप को बचाना है,तो पानी को बचाना होगा है उन्होंने कहा कि हम अपने परंपरागत स्रोतों का उपयोग नहीं किया है कहीं अतिक्रमण कर लिया तो कहीं अन्य कार्यों में उपयोग कर लिया, जब हमारे ऊपर जनसंख्या का दबाव पड़ा तो इसका महत्व समझ में आ रहा है एवं उन्होंने कहा कि पहले जलवायु परिवर्तन नहीं होता था एक निश्चित समय में बारिश होती थी लेकिन अब जलवायु परिवर्तित हो गया है पहले 2 से 3 महीने तक बारिश होती थी।अब बारिश अनियमित होती है,कुछ समय के लिए होती है और चली जाती है, और जो बारिश होती है उसका संग्रह नहीं होती है और यूं ही बेकार चली जाती है बज्रपात की घटना भी बढ़ रही है मीडिया में भी यह बात आती है,उन्हें अनुदान दिया जाता है।वज्रपात की घटना लगातार बढ़ रही है,पहले इस तरह की घटना ज्यादा नहीं हुआ करती थी इस वर्ष उत्तर बिहार में 2 बार बाढ़ आई है उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर 2019 तक 16 बार सुखाड़ आया है 1952 से लेकर 2001 तक 8 बार तथा 2001 से 2019 तक 8 बार सूखा घोषित हुआ है पिछले 18-19 वर्ष में 8 बार सुखाड़ तथा पिछले 2 वर्षों में लगातार दो बार सुखाड़ आया है यह प्रकृति का संकेत है कि जो हमारा व्यवहार और नजरिया है उसमें सुधार की आवश्यकता है यह एक ऐसा चीज है जो न अमीर देखता है न ही गरीब,सभी को बराबर देखता है उन्होंने कहा कि हम अपने व्यवहार परिवर्तन से इस स्थिति को बेहतर कर सकते हैं,जो हम डॉक्टर राजेंद्र सिंह से सीखेंगे और उन्होंने कहा कि इस वर्ष गया में हीट वेव स्ट्रोक से 46 से 47 लोगों की मृत्यु हुई है पहले लगा कि यह परिस्थितिजन्य था लेकिन बाद में पता चला कि यह भूगर्भ जल,धरातलीय जल और हरियाली की कमी के कारण हुआ।क्योंकि तापमान में जितना विचलन गया में हुआ था उतना ही अन्य जिलों में भी हुआ है उन्होंने कहा कि जो हमारा शरीर है जैसा कि डॉक्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया है कि उसमें बुखार होता है तो उस पर पानी का पट्टी देना होता है,उसी तरह से धरती के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आहार,तालाब,पईन,पोखर में जल संचय कर धरती को पानी का पट्टी देना पड़ेगा एवं उन्होंने कहा कि हमें हरियाली बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण भी करना पड़ेगा और उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से जल जीवन हरियाली योजना चलाई है यह सिर्फ सरकारी तंत्र से नहीं बल्कि जन सहयोग से संभव हो सकता हैइसलिए इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देना होगा और इस तथ्य को समझने के लिए जल पुरुष से बेहतर कोई अन्य पुरुष नहीं हो सकता है जिन्होंने राजस्थान में कई नदियों को पुनर्जीवित किया,हजारों जोहार बनाएं।इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने जिले के जन प्रतिनिधियों को राजस्थान में किए गए अपने कार्यों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किए हैं उन्होंने कहा कि भारत का असली बैंक भूगर्भ जल है जिसे सुरक्षित करें और उन्होंने कहा कि आज भी देश में आधे से ज्यादा इलाका पानी से जूझ रहा है 17 राज्यों के 365 जिले जल संकट से जूझ रहे हैं जबकि 190 जिले बाढ़ की समस्या से एवं उन्होंने कहा कि वर्षा का जल से मिट्टी का कटना एवं तीव्र जलधारा के कारण नदी में गाद का जमना इस समस्या का प्रमुख कारण है यदि इसको हम ठीक कर ले तो समस्या समाप्त हो जाएगी और उन्होंने कहा कि वर्षा का जल मिट्टी का कटाव ना कर सके इसके लिए उसे वहीं पर रोकना जरूरी है इसके लिए बड़े बड़े तालाब, आहर, पोखर, कुए बनवाने होंगे एवं धारा के फ्लो को स्लो करना होगा और नदी जब गहरी रहती है तो पानी नदी में बहती है और इससे भूगर्भ जल भी रिचार्ज होता है लेकिन नदी में गाद गिरने के कारण यह पानी गांव एवं शहर की ओर चली जाती है जिससे बाढ़ आ जाती है और भूगर्भ जल भी रिचार्ज नहीं होता है उन्होंने कहा कि राजस्थान में वे ग्रामीण और युवकों के सहयोग से 11800 जोहड़ बनवाये हैं 36 वर्षों में 12 नदियों को पुनः जिंदा किया है उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता के आधार पर फसल का चयन करना चाहिए एवं उन्होंने कहा कि हमें अपनी समस्या के समाधान के लिए अपने भगवान का सम्मान करना होगा और उन्होंने समझाया कि किस तरह से ग्राउंड वाटर और सरफेस वाटर के कारण उस क्षेत्र में परिवर्तन होता है और वर्षा आकर्षित होती है उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक वर्ष में सिर्फ 6 इंच बारिश होती है जबकि बिहार में डेढ़ मीटर बारिश वर्ष होती है इसलिए बिहार के लोग भगवान के लाडले हैं यदि वे अपने व्यवहार में परिवर्तन कर ले तो इस समस्या का समाधान आसानी से किया जा सकता है केवल उन्हें पानी के महत्व को समझना होगा और अपने पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना होगा ताकि धरती का तापमान नियमित किया जा सके और नदी के फ्लो को स्लो करना होगा तभी जाकर बाढ़ और सुखाड़ की समस्या से निजात मिल पाएगा एवं उन्होंने जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की भूरि भूरि प्रशंसा की और कहा कि जल -जीवन -हरियाली योजना का सही मायने में क्रियान्वयन गया जिला में किया जा रहा है और उन्होंने कहा कि वे बिहार के एक तिहाई जिले का भ्रमण कर चुके हैं साथ ही भारत के अनेक राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं लेकिन जिस तरह से कार्य इस अभियान के अंतर्गत गया में किया जा रहा है ऐसा कार्य कहीं नहीं किया जा रहा है उन्होंने जनप्रतिनिधियों को इस अभियान से जुड़कर इस अभियान को सफल बनाने का भी आह्वान किया गया है उन्होंने कहा कि अपनी समस्या का समाधान खुद करना होगा एवं उन्होंने कहा कि जब गया को उनकी जरूरत होगी जब उन्हें बुलाया जाएगा वह इस अभियान में सहयोग देने के लिए गया में हाजिर हो जाएंगे एवं उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से धरती के तापमान कम होने पर बरसात में वृद्धि होने के कारण को समझाया और इस बिंदु पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अनेक सवाल जवाब किए हैं जिसका जवाब अनेक जनप्रतिनिधियों ने सटीक दिया और उन्हें उन्होंने अंक दिए और पूरे 100 अंक पूरे होने पर उन्होंने आश्वस्त किया कि अब यह अभियान सफल रहेगा एवं
इसके पूर्व जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर जल पुरुष का हार्दिक अभिनंदन किया गया और मंचासीन सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया है इस अवसर पर महापौर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान,जिला परिषद अध्यक्षलक्ष्मी देवी,उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी, नगर आयुक्त सावन कुमार, सहायक आयुक्त केएम अशोक, उप महापौर मोहन श्रीवास्तव, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेश पासवान उपस्थित थे।